यह दृष्टि की दृढ़ता के कारण उत्पन्न गति का एक प्रकाशीय भ्रम है, और इसकी रचना और प्रदर्शन कई तरह से किया जा सकता है।
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इन् सीधी रेखाओं की मौजूदगी बाद में सिद्ध नहीं हो पायी और ये माना गया कि ये रेखायें मात्र प्रकाशीय भ्रम के अलावा कुछ और नहीं हैं।
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इन् सीधी रेखाओं की मौजूदगी बाद में सिद्ध नहीं हो पायी और ये माना गया कि ये रेखायें मात्र प्रकाशीय भ्रम के अलावा कुछ और नहीं हैं।
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इन् सीधी रेखाओं की मौजूदगी बाद में सिद्ध नहीं हो पायी और ये माना गया कि ये रेखायें मात्र प्रकाशीय भ्रम के अलावा कुछ और नहीं हैं।
5.
आप एक पेन को पानी में डालते हैं और पेन मुड़ा हुआ दिखता है | लेकिन बौद्धिक ज्ञान से हम्ज ये जानते हैं कि पेन वास्तव में मुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि वह तो केवल एक ऑप्टिकल इल्ल्युजन (प्रकाशीय भ्रम) है |